तीन चींटियाँ और उदार गाय – Hindi Moral Story

एक हरे-भरे भारतीय जंगल के बीच में, गर्म धूप के नीचे, गौरी नाम की एक दयालु और कोमल गाय रहती थी।

गौरी सभी की चाहती थीं। उसने अपने दिन चरने, धूप का आनंद लेने और जंगल के जानवरों के लिए दूध उपलब्ध कराने में बिताए।

साथ ही इस जंगल में तीन छोटी चींटियां भी थीं। वे सबसे अच्छे दोस्त थे और एक साथ जंगल की खोज करना पसंद करते थे।

एक दिन खेलते-खेलते तीनों चींटियां खो गईं। वे अपने बांबी से बहुत दूर भटक गए और उन्हें वापस जाने का रास्ता नहीं मिला।

चिलचिलाती धूप में वे थक गए और प्यासे हो गए। उन्हें नहीं पता था कि क्या करें। उन्हें बहुत डर लग रहा था।

तभी गौरी वहां से गुजर रही थी। उसने तीन चींटियों को देखा और पूछा, “प्यारी चींटियों, तुम इतनी चिंतित क्यों दिख रही हो?”

“हम खोए और प्यासे हैं,” सबसे बड़ी चींटी ने कहा। “हम अपने एंथिल पर वापस जाने का रास्ता नहीं खोज सकते।”

“चिंता मत करो,” गौरी ने प्यार से कहा। वह नीचे झुकी और अपना कुछ दूध चींटियों के लिए एक पत्ते पर गिरा दिया।

चींटियों ने कृतज्ञतापूर्वक दूध पी लिया। इसने उनकी प्यास बुझाई और उन्हें ताकत दी। उन्होंने गौरी को उसकी दया के लिए धन्यवाद दिया।

गौरी ने कहा, “चलो अब तुम्हारा बांबी ढूंढते हैं।” वह कई वर्षों तक जंगल में रही थी और इसे अच्छी तरह जानती थी।

चींटियाँ गौरी की पीठ पर चढ़ गईं। वह एंथिल की तलाश में धीरे-धीरे इधर-उधर चली। चींटियाँ गौरी के साथ सुरक्षित महसूस करती थीं।

थोड़ी देर बाद, उन्होंने एक बड़े पेड़ के पास अपना बांबी देखा। चींटियाँ बहुत खुश हुईं और उन्होंने गौरी को फिर से धन्यवाद दिया।

“तुमने हमें बचाया, गौरी,” सबसे छोटी चींटी ने कहा। “हम आपके आभारी हैं।”

गौरी ने मुस्कुराते हुए कहा, “एक दूसरे की मदद करना जीवन की खूबसूरती है। हमेशा याद रखें कि जरूरतमंदों की मदद करें।”

चींटियाँ मान गईं। उन्होंने गौरी को अलविदा कहा और अपने बांबी में लौट आए। वे गौरी की कृपा को कभी नहीं भूले।

उस दिन से वे अच्छे दोस्त बन गए। वे अक्सर जंगल की धूप में साथ-साथ खेलते थे। और गौरी सबके प्रति दयालु और स्नेही बनी रही।

This Hindi Moral Story Says That:

मोरल ऑफ द स्टोरी: हमें हमेशा जरूरतमंद लोगों की मदद करनी चाहिए। यह खुशी लाता है और दोस्ती के मजबूत बंधन बनाता है।

Leave a comment