एक घने, हरे-भरे भारतीय जंगल में, एक काला हाथी रहता था। वह सभी जानवरों का नेता था। वह दयालु था, लेकिन आसानी से गुमराह हो जाता था।
एक दिन, एक गलत सलाहकार, एक चालाक लोमड़ी, उसके पास आई। “प्रिय हाथी,” उन्होंने कहा, “मैं आपका सलाहकार बनना चाहता हूं।”
हाथी मान गया। उस दिन से लोमड़ी उसे सलाह देने लगी। लोमड़ी स्वार्थी थी, इसलिए उसकी सलाह हमेशा बुरी होती थी।
जल्द ही, जंगल में अजीबोगरीब घटनाएं होने लगीं। रात में अज्ञात चोर थे। जानवरों को अपनी चीजें संभल ने लगे।
हाथी चिंतित था। उसने लोमड़ी से पूछा, “हमारे जंगल में क्या हो रहा है?” लोमड़ी, यह जानकर कि वह चोर है, चुप रही।
दिन बीतते गए, और स्थिति बिगड़ती गई। जानवरों की एक टीम ने कारण खोजने का फैसला किया। यह बुद्धिमान बूढ़ा कछुआ, तेज खरगोश और बहादुर हिरण था।
टीम ने अपनी जांच शुरू की। वे हर रात निगरानी रखते थे, किसी भी अजीब व्यवहार पर नज़र रखते थे। कई रातों के बाद, उन्होंने चोर को देखा।
चोर पास के जंगल के बंदरों का एक समूह था। वे जानवरों से भोजन और कीमती चीजें चुरा रहे थे।
हिरण ने सबसे बहादुर होने के नाते बंदरों का सामना करने का फैसला किया। “आप हमसे चोरी क्यों कर रहे हैं?” उसने उनसे साहसपूर्वक पूछा।
“हमारे जंगल में हमारे पास भोजन नहीं है,” बंदरों ने शर्म से नीचे देखते हुए कहा। हिरण को उनके लिए बुरा लगा लेकिन वह जानता था कि चोरी करना गलत है।
टीम ने लौटकर काले हाथी को सारी बात बताई। सच सुनकर हाथी हैरान रह गया, खासकर लोमड़ी के बारे में।
गलत सलाहकार पर भरोसा करना उसे बुरा लगा। लेकिन उसने अपना सबक सीखा। उन्होंने टीम को धन्यवाद दिया और अपने सलाहकारों को अधिक बुद्धिमानी से चुनने का वादा किया।
तभी से काला हाथी बंदरों के साथ अपना भोजन बांटने लगा। जंगल में शांति लौट आई। गलत सलाहकार, लोमड़ी, को भगा दिया गया।
This Hindi Moral Story Says That:
कहानी का नैतिक यह है: जीवन में सही सलाहकार चुनना महत्वपूर्ण है। गलत सलाह से अशांति और भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है। साथ ही, चोरी करना कभी भी समाधान नहीं है। जरूरत पड़ने पर हमें हमेशा मदद मांगनी चाहिए।