एक बार, एक जीवंत भारतीय गाँव में, राजू नाम का एक छोटा लड़का रहता था। राजू हमेशा सच बोलने के लिए जाने जाते थे। “झूठ कायरों के लिए हैं!” राजू हमेशा कहता।
एक दिन राजू के पिता ने उसे एक पका हुआ सुनहरा आम दिया। “यह आम बहुत खास है, राजू,” उसके पिता ने कहा। “इसे मत खोना। मुझे तुम पर भरोसा है।” राजू ने सिर हिलाया और ख्याल रखने का वादा किया।
स्कूल जाते समय राजू के दोस्त अर्जुन ने आम देखा। “वाह, क्या सुंदर आम है, राजू!” अर्जुन ने कहा। उसने राजू से पूछा, “क्या मैं इसे छू सकता हूँ?”
राजू ने एक पल सोचा, फिर मान गया। उन्होंने अर्जुन पर भरोसा किया। लेकिन जैसे ही अर्जुन ने आम लिया, उसने गलती से उसे गिरा दिया। यह दूर लुढ़का और एक तालाब में गिर गया।
अर्जुन बहुत दुखी हुआ और बोला, “मुझे बहुत खेद है, राजू।” लेकिन राजू नाराज नहीं हुआ। वह अपने पिता की तरह ही ईमानदारी में विश्वास करते थे।
जब राजू घर आया तो उसके पिता ने उससे आम के बारे में पूछा। राजू झूठ बोल सकता था। लेकिन उसने नहीं किया। उसने अपने पिता को पूरी सच्चाई बताई।
उसके पिता ने ध्यान से सुना। जब राजू ने बात पूरी की, तो उसके पिता मुस्कुराए और बोले, “मुझे तुम पर गर्व है, राजू। तुमने सच बोलना चुना।”
राजू खुश हो गया। उसने आम खो दिया था, लेकिन उसने अपनी ईमानदारी रखी। उस दिन से राजू अपने गांव में सिर्फ ईमानदारी के लिए ही नहीं, बल्कि अपने साहस के लिए भी जाना जाने लगा।
This Hindi Moral Story Says That:
इस कहानी का नैतिक है: ईमानदारी हमेशा सबसे अच्छी नीति है। सच्चा होना कभी-कभी कठिन हो सकता है, लेकिन यह हमेशा दूसरों से सम्मान और प्यार लाता है।