यह Hindi Moral Story हमें सिखाती है कि किसी के साथ बुरा व्यवहार नहीं करना, चाहे मजाक में ही क्यों न हो, उचित नहीं है।
बहुत समय पहले, बड़ौली नामक एक गांव में एक खुशहाल किसान रहता था। किसान के पास एक बड़ा खेत और उसमें काम करने वाला एक बैल था। किसान अपने बैल से बहुत प्यार करता था।
हर दिन किसान और बैल मिलकर खेती करते थे। दिन के अंत में किसान बैल को गर्म दूध और घास देता था। बैल भी किसान से बहुत प्यार करता था और उसकी मदद करता था।
एक दिन किसान खेत में काम कर रहा था। वह अपने बैल को लेकर खेत की ओर चला। बैल थक गया था, लेकिन किसान उसे काम करने के लिए मजबूर कर रहा था।
“मैं तुमसे और काम नहीं कर सकता,” बैल ने दुख से बोला। “मैं थक गया हूं। कृपया मुझे आराम करने दें।”
“नहीं,” किसान ने खड़े होकर कहा। “तुम्हें और काम करना होगा। हमें खेती पूरी करनी है।”
दिन भर काम करने के बाद, बैल थक गया था। उसने कहा, “मैं अब और काम नहीं कर सकता। मैं बहुत थक गया हूं।”
लेकिन किसान ने बैल की बात नहीं सुनी। वह उसे और खेती करने के लिए मजबूर कर रहा था।
अगले दिन, बैल बीमार पड़ गया। उसका शरीर भारी था और वह खड़ा भी नहीं हो सकता था। किसान ने बैल की हालत देखी और चिंतित हो गया।
“मैंने तुम्हें ज्यादा काम करने के लिए कहा था,” किसान ने बैल से कहा। “मुझे खेद है कि मैंने तुम्हारी तकलीफ नहीं समझी।”
किसान ने बैल की देखभाल की और उसे दवाई दी। धीरे-धीरे, बैल ठीक हुआ और फिर से खेती करने लगा। किसान ने उसकी सेवा की और उसे आराम करने का समय दिया।
इस कहानी से हमें यह सबक मिलता है कि हमें अपने कामगारों का सम्मान करना चाहिए और उन्हें अधिक काम करने के लिए नहीं दबाना चाहिए। हमें उनकी मेहनत की कद्र करनी चाहिए।
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Image Credit:- https://wikinow.in/the-story-of-the-bull-the-donkey