अदृश्य संरक्षक: धार्मिकता का जागरण
अध्याय 1: रहश्यमय किताब भारत के एक हलचल भरे शहर में, अवि नाम के एक युवा लड़के ने अपने अटारी में एक अजीब किताब खोजी। पुस्तक प्राचीन श्लोकों और गूढ़ चित्रों से भरी हुई थी। उनमें से एक श्लोक पर उनकी नज़र पड़ी: “यद यदा हि धर्मस्य ग्लानिर भवति भरत,अभ्युत्थानम अधर्मस्य तदात्मानम सृजाम्य अहम।” अर्थ, … Read more